Tatpurush Samas in Sanskrit (तत्पुरुष समास)

तत्पुरुष समास (Tatpurush Samas in Sanskrit)

जिस समास में उत्तर पद (द्वितीय पद) की प्रधानता होती है उसे तत्पुरुष समास (Tatpurush Samas in Sanskrit) कहते है | तत्पुरुष समास में प्रथम पद संज्ञा/विशेषण होता है, लिंग व वचन का निर्धारण द्वितीय पद के अनुसार होता है |

उदाहरण :-

नरकपतित: = नरकं पतित:

हरि-त्रात:   = हरिणा त्रात:

युद्धनिपुण:  = युद्धे निपुण:

समास के प्रकार :- समास मुख्य रूप से 5 प्रकार के होते है | कर्मधारय और द्विगु तत्पुरुष समास के ही उपभेद है |

तत्पुरुष समास के भेद

तत्पुरुष समास के दो प्रकार होते हैं :-

  1. व्यधिकरण तत्पुरुष समास
  2. समानाधिकरण तत्पुरुष समास

व्यधिकरण तत्पुरुष समास :- व्यधिकरण तत्पुरुष समास में विभक्ति का प्रयोग किया जाता है | अत: विभक्ति के अनुसार यह 6 प्रकार का होता है | इनके अलावा एक नञ् तत्पुरुष समास भी होता है |

  1. द्वितीया तत्पुरुष समास
  2. तृतीया तत्पुरुष समास
  3. चतुर्थी तत्पुरुष समास
  4. पञ्चमी तत्पुरुष समास
  5. षष्ठी तत्पुरुष समास
  6. सप्तमी तत्पुरुष समास
  7. नञ् तत्पुरुष समास

समानाधिकरण तत्पुरुष समास :- जिस समास में दोनों पद सामान विभक्ति में हो उसे समानाधिकरण तत्पुरुष समास कहते हैं |

  1. कर्मधारय तत्पुरुष समास
  2. द्विगु समास तत्पुरुष समास

विभक्ति तत्पुरुष समास (Tatpurush Samas in Sanskrit)

जिस समास में द्वितीया विभक्ति से सप्तमी विभक्ति तक का लोप करके समास बनाया जाता है उसे विभक्ति समास कहते हैं |

द्वितीया विभक्ति तत्पुरुष समास :-

कृष्णम् आश्रित:   = कृष्णाश्रित:

रामम् आश्रित:    = रामाश्रित:

आशाम् अतीत:   = आशातीत:

नरकं पतित:       = नरक-पतित:

सुखं प्राप्त:          = सुखप्राप्त:

संकटम् आपन्न:    = संकटापन्न:

तृतीया तत्पुरुष समास :-

हरिणा त्रात:       = हरित्रात:

धान्येन अर्थ:       = धान्यार्थ:

नखै: भिन्न:         = नखभिन्न:

ज्ञानेन हीन:        = ज्ञानहीन:

सर्पेण दंष्ट          = सर्पदंष्ट:

चतुर्थी तत्पुरुष समास :-

पाठाय शाला      = पाठशाला

भूतेभ्य: बलि       = भूतबलि

गवे हितम्          = गोहितम्

पञ्चमी तत्पुरुष समास :-

चोरात् भयम्      = चोरभयम्

दूरात् आगत:      = दूरागत:

दु:खात् मुक्त:       = दुःखमुक्त:

वृक्षात् पतित:      = वृक्षपतित:

षष्ठी तत्पुरुष समास :-

पत्युः दर्शनम्      = पतिदर्शनम्

तपस: वनम्        = तपोवनम्

न्यायस्य आलय: = न्यायालय:

सप्तमी तत्पुरुष समास :-

न्याये पण्डित:     = न्यायपंडित:

शास्त्रेषु पण्डित:  = शास्त्र-पण्डित:

शास्त्रेषु निपुण:    = शास्त्र-निपुण:

विद्यायां निपुण:  = विद्या- निपुण:

जले मग्न:            = जलमग्न:

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