Rutv sandhi

Rutv sandhi (रुत्व/रत्व सन्धि)

अभी तक हमने संधि की परिभाषा व अनेकों सन्धियों के विषय में हमारे blocks में पढ़े चुके हैं | आज हम रुत्व अर्थात् रत्व संधि के विषय में पढ़ेंगे | रुत्व संधि (Rutv sandhi) को ही रत्व संधि कहते हैं | रुत्व सन्धि एक विसर्ग संधि का भेद है, विसर्ग संधि किसे कहते है, कितने प्रकार की होती है, रुत्व सन्धि के उदाहरण इन सभी विषयों के बारे में आज इस लेख में अध्ययन करेंगे |

विसर्ग संधि की परिभाषा :-

यदि विसर्ग ( : ) के पश्चात् कोई स्वर या व्यंजन के होने पर जो विसर्ग में परिवर्तन होता है उसे विसर्ग संधि कहते है | निम्नलिखित ये मुख्य भेद है |

विसर्ग संधि के भेद –

  1. उत्व संधि
  2. रुत्व / रत्व संधि
  3. सत्व संधि
  4. रेफ् लोप संधि
  5. विसर्ग लोप संधि
  6. पूर्व अण् दीर्घ विसर्ग संधि |

रुत्व/रत्व सन्धि परिभाषा (Rutv sandhi)

यदि विसर्ग से पहले /आ से भिन्न स्वर हो तथा विसर्ग के बाद किसी भी वर्ग का तीसरा, चौथा, पाँचवाँ अथवा, र, ल, व  हो तो विसर्ग को “र्” आदेश हो जाता है |

रुत्व / रत्व सन्धि के उदाहरण

नि:        + बल:              = निर्बल:

मुनि:     + अयम्             = मुनिरयम्

पितु:     + इच्छा             = पितुरिच्छा

मातु:     + वन्दे               = मातुर्वन्दे

पितु:     + वन्दे               = पितुर्वन्दे

मुनिः     + इति               = मुनिरिति

भानुः     + असौ              = भानुरसौ

वधू:      + इव                = वधूरिव

गुरु:       + भवति           = गुरुर्भवति

धेनुः      + गच्छति          = धेनुर्गच्छति

पितु:     + आज्ञा             = पितुराज्ञा

तैः         + आगतम्          = तैरागतम्

एतैः      + भक्षितम्         = एतैर्भक्षितम्

प्रातः     + गच्छति          = प्रातर्गच्छति

रवि:      + उदेति             = रविरुदेति

चक्षु:      + दानम्             = चक्षुर्दानम्

पुनः      + अत्र                = पुनरत्र

मुनि:     + याति              = मुनिर्याति

कवि:     + इच्छति          = कविरिच्छति

शिशु:    + हसति             = शिशुर्हसति

ग्लानि:  + भवति              = ग्लानिर्भवति

हरि:      + अस्ति             = हरिरस्ति

अन्य लेख पढ़ने के लिए नीचे दिए गए link पर click करें – 

3 thoughts on “Rutv sandhi”

Leave a Comment