Avyaya in Sanskrit

Avyay in sanskrit

Avyaya in Sanskrit अव्यय-परिभाषा,भेद और उदाहरण संस्कृत के वे शब्द जो हमेशा एक जैसी अवस्था में रहते है उन्हें अव्यय पद (Invariable) कहते हैं | जिन शब्दों का लिंग, वचन, कारक और काल के अनुसार रूप नहीं बदलता है उन्हें अव्यय पद कहते हैं | इन शब्दों के लिंग, विभक्ति, लकार, पुरुष और वचन नहीं … Read more

CBSE Sanskrit paper-2023 class-10

CBSE Sanskrit paper-2023 class-10

CBSE Sanskrit paper-2023 class-10 यह प्रश्न पत्र CBSE परीक्षा 2023 में आया हुआ है | इस प्रश्न-पत्र के द्वारा आप आगामी board परीक्षा की तैयारी के लिए सहायता ले सकते हैं | मुझे पूर्ण विश्वास है कि इस (CBSE Sanskrit paper-2023 class-10) प्रश्न-पत्र से आपको निश्चित रूप से फायदा होगा | कक्षा – 10 संस्कृत … Read more

Sample Paper Svar sandhi

Sample Paper Svar sandhi class -09&10

Sample Paper Svar sandhi (स्वर संधि के प्रश्न class -09&10) प्रिय विद्यार्थियों आज हम स्वर संधि के प्रश्न परीक्षाओं में किस प्रकार से पूछे जाते है उस विषय में अध्ययन करेंगे | आप जानते है कि हमें परीक्षा में जाने या परीक्षा की तैयारी करने से पहले यह ज्ञात होना चाहिए कि प्रश्न-पत्र में प्रश्न … Read more

Sample Paper Vyanjan sandhi Class 10

Sample Paper Vyanjan sandhi

Sample Paper Vyanjan sandhi (संधि से सम्बन्धित प्रश्न class -10) जैसा कि हम देखते है कि CBSE Board या अन्य किसी भी State Board या फिर किसी भी Competition Exam (प्रतियोगिता परीक्षा) में संस्कृत में सन्धि से सम्बन्धित प्रश्न पूछे जाते है | कुछ प्रश्नों में सन्धियुक्त शब्द का सन्धिविच्छेद करना होता है तो कुछ … Read more

Bahuvrihi Samas in Sanskrit

Bahuvrihi Samas in Sanskrit

बहुव्रीहि समास(Bahuvrihi Samas in Sanskrit) जिस समास में अन्य पद की प्रधानता होती है उसे बहुव्रीहि समास कहते है | बहुव्रीहि समास में दो पदों (प्रथम पद और द्वितीय पद) को मिलाकर तीसरे पद (तृतीय पद) का निर्माण करते हैं | तीसरा पद प्रधान होता है और यह पहले दो पदों का अर्थ बताता है … Read more

Dvandva Samas in Sanskrit

Dvandva Samas in Sanskrit

द्वन्द्व समास (Dvandva Samas in Sanskrit) द्वन्द्व की परिभाषा – जहाँ पर दो या दो से अधिक शब्दों का इस प्रकार समास हो जिसमे “च” (और) का अर्थ छिपा हो, तो उसे द्वंद्व समास (Dvandva Samas in Sanskrit) कहते हैं | जब सभी पदों की प्रधानता होती है तथा उनको मिलाकर एक पद बनाया जाए … Read more

karmadharaya Samas in Sanskrit

karmadharaya Samas in Sanskrit,

कर्मधारय समास (karmadharaya Samas in Sanskrit) कर्मधारय समास (karmadharaya Samas in Sanskrit) तत्पुरुष समास का ही एक भेद है | जिस समास में उत्तर पद (द्वितीय पद) की प्रधानता होती है उसे तत्पुरुष समास कहते है | तत्पुरुष समास में प्रथम पद संज्ञा/विशेषण होता है, लिंग व वचन का निर्धारण द्वितीय पद के अनुसार होता … Read more

Dvigu Samas

Dvigu Samas

द्विगु समास (Dvigu Samas) द्विगु समास (Dvigu Samas) तत्पुरुष समास का ही एक भेद है | जिस समास में उत्तर पद (द्वितीय पद) की प्रधानता होती है उसे तत्पुरुष समास कहते है | तत्पुरुष समास में प्रथम पद संज्ञा/विशेषण होता है, लिंग व वचन का निर्धारण द्वितीय पद के अनुसार होता है | तत्पुरुष समास … Read more

Nay Tat Purush Samas

Nay Tat Purush Samas

Nay Tat Purush Samas (नञ् तत्पुरुष समास) परिभाषा :- जब शब्दों को नकारात्मक बनाने के लिए “अ” अथवा “अन्” लगाकर शब्द बनाया जाए तो उसे नञ् तत्पुरुष समास (Nay Tat Purush Samas) कहते हैं | समास विग्रह करते समय “अ” अथवा “अन्” के स्थान पर “न” शब्द का प्रयोग किया जाता है |संस्कृत में नञ् … Read more

Tatpurush Samas in Sanskrit (तत्पुरुष समास)

Tatpurush Samas in Sanskrit

तत्पुरुष समास (Tatpurush Samas in Sanskrit) जिस समास में उत्तर पद (द्वितीय पद) की प्रधानता होती है उसे तत्पुरुष समास (Tatpurush Samas in Sanskrit) कहते है | तत्पुरुष समास में प्रथम पद संज्ञा/विशेषण होता है, लिंग व वचन का निर्धारण द्वितीय पद के अनुसार होता है | उदाहरण :- नरकपतित: = नरकं पतित: हरि-त्रात:   = … Read more