अव्यय और उससे सम्बन्धित प्रश्न(Avyay question in sanskrit)
संस्कृत भाषा के वे शब्द जो एक ही अवस्था में रहते हैं उन्हें अव्यय पद (Invariable) कहा जाता हैं | जिन शब्दों का लिंग, वचन, वर्तमान इत्यादि काल व विभक्ति के अनुसार रूप नहीं बदलता है उन्हें अव्यय पद कहते हैं | इन शब्दों का धातु रूप व शब्द रूप नहीं बनता हैं | नीचे हम Avyay question in sanskrit को देखते हैं |
श्लोक –
सदृशं त्रिषु लिंगेषु, सर्वासु च विभक्तिषु |
वचनेषु च सर्वेषु, यन्नव्येति तदव्ययम् ||
अव्यय से सम्बन्धित प्रश्न –(Avyay question in sanskrit)
प्रश्न:- 01. मञ्जूषात:उचितम् अव्यय पदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत –
नगरात् (1)…………… एकं वनम् अस्ति | तत्र दिनं (2) ………….. अन्धकार: भवति | जना: प्राय: कुक्कुरेभ्य: रक्षाम् (3) ………… मत्वा एव तत्र प्रविशन्ति | कुक्कुराश्च जीवान् दृष्ट्वा (4) ……….शब्दं कुर्वन्ति | तच्छ्रुत्वा वन्या: पशव: (5) ………… न आगच्छन्ति | एकाकी एव वने (6) …………. गच्छेत् |
मञ्जूषा
इति, मा, बहि:, यत्र-कुत्र, यावत्, कदापि |
उत्तराणि :- (1) बहि:, (2) यावत्, (3) इति, (4) यत्र-कुत्र, (5) कदापि, (6) मा
प्रश्न:- 02. अयं संवाद: उचितै: अव्ययपदै: पूरयत –
रमेश: – एतत् उपवनम् | उपवनं (1) ……….. वृक्षा: शोभन्ते |
तरुण: – पश्य, (2) ………. बालका: पादकन्दुकेन क्रीडन्ति |
मेधावी – आम्, (3) …….. एका कन्या (4) ……….. सखिभि: सह क्रीडति |
कर्ण: – अत्र केचन् जना: तु (5) ……….. भ्रमन्ति केचित् च (6) ……….. चलन्ति |
भास्कर: -पश्य, (7) ………… मालाकार: खनित्रेण भूमिं खनति बीजं च वपति |
मोहन: – (8) ……….. केदारेषु अनेकवर्णानि पुष्पाणि विकसन्ति |
मनीषा – पुष्पै: सह कंटकानि अपि भवन्ति (9) ………. तानि (10) ……….. प्रसन्नचित्तानि (11) ………. सन्ति |
रमेश: – वयम् अपि पुष्पाणि (12) ………. सदा प्रसन्ना: भवेम |
अपि, सर्वत्र, परित:, शीघ्रं-शीघ्रं, तथापि, एकत:, शनै:-शनै:, अत्र, इव, सदा, एव, तत्र |
उत्तराणि :-
(1) परित:, (2) एकत:, (3) तत्र, (4) अपि,
(5) शनै:-शनै:, (6) शीघ्रं-शीघ्रं, (7) अत्र, (8) सर्वत्र,
(9) तथापि, (10) सदा, (11) एव, (12) इव
निम्नलिखित परीक्षाओं में आए हुए प्रश्न –
Annual Exam 2022-23 Class – 9
प्रश्न:- 3. कोष्ठकेभ्य: शुद्धं अव्यय पदम् चित्वा लिखत –
01………… कश्मिंश्चित् ग्रामे एका निर्धना वृद्धा स्त्री न्यवसत् | (पुरा/अधुना)
02………… माता स्थाल्यां तन्डुलान् निक्षिप्य पुत्रीम् आदिशत् | (सर्वदा/एकदा)
03. प्रात: ……….. गत्वा सा काकं निर्भर्त्यन्ति | (तत्र/उभयत्र)
04. यदा काक: शयित्वा प्रबुद्ध: ……….तेन स्वर्णगवाक्षात् कथितम् | (तदा/कदा)
05. अहं तुभ्यं ……… तन्डुलमूल्यं दास्यामि | (ह्य:/श्व:)
उत्तराणि – (1) पुरा (2) एकदा (3) तत्र (4) तदा (5) श्व: |
Mid-Term Exam- 2022-23 Class – 10
प्रश्न:- 4. मञ्जूषात:उचितम् अव्यय पदं चित्वा रिक्तस्थानानि पूरयत –
01…………. रविवासर: आसीत् |
02. अहं ………..अध्ययनं कृतवती |
03. बुद्धिर्बलवती तन्वि सर्व कार्येषु ……….|
04. रे रे धूर्त त्वया दत्तं मह्यं व्याघ्रत्रयं ……..|
मञ्जूषा
अद्य ,ह्य: पुरा , सर्वदा |
उत्तर :- (1) ह्य: (2) अद्य (3) सर्वदा (4) पुरा