अस्मद् शब्द रूप (Asmad Shabd Roop in Sanskrit)
अभी तक हमने संस्कृत में अकारान्त, आकारान्त, इकारान्त व अन्य शब्द रूप के विषय में पढ़ा था | आज हम संस्कृत के अस्मद् (मैं) शब्द रूप के विषय में अध्ययन करेंगे | अस्मद् शब्द एक सर्वनाम शब्द है जिसके रूप तीनों लिंगों में एक समान होते हैं | अस्मद् शब्द के शब्द रूप (Asmad Shabd Roop in Sanskrit) अन्य शब्द-रूपों से भिन्न होते हैं अत: इन्हें ध्यानपूर्वक याद करना चाहिए |
अस्मद् शब्द का अर्थ :- “मैं, हम दोनों, हम सब” | इस शब्द रूप का अर्थ होता है ‘मैं’ अर्थात् English में ‘I and We .
अस्मद् शब्द रूप
विभक्ति एकवचनम् द्विवचनम् बहुवचनम्
प्रथमा अहम् आवाम् वयम्
द्वितीया माम् आवाम् अस्मान्
तृतीया मया आवाभ्याम् अस्माभि:
चतुर्थी मह्यम् आवाभ्याम् अस्मभ्यम्
पञ्चमी मत् आवाभ्याम् अस्मत्
षष्ठी मम आवयो: अस्माकम्
सप्तमी मयि आवयो: अस्मासु
सर्वनाम शब्द रूप में संबोधनम् नहीं होता है |
- मैं जाता हूँ |
अहं गच्छामि |
- हम सब जाते हैं |
वयं गच्छाम: |
- मेरे द्वारा संस्कृत पढ़ी जाती है |
मया संस्कृतं पठ्यते |
- हम सब का (हमारा) देश भारत है |
अस्माकं देश: भारत: अस्ति |
- मेरा नाम ……. है |
मम नाम ……. अस्ति |
अस्मद् शब्द रूपों का अर्थ (Asmad Shabd Roop in Sanskrit)
विभक्ति | एकवचनम् | द्विवचनम् | बहुवचनम् |
प्रथमा | अहम्
(मैं) |
आवाम्
(हम दोनों) |
वयम्
(हम सब) |
द्वितीया | माम्
(मुझ को) |
आवाम्
(हम दोनों को) |
अस्मान्
(हम सब को) |
तृतीया | मया
(मेरे द्वारा) |
आवाभ्याम्
(हम दोनों के द्वारा) |
अस्माभि:
(हम सब के द्वारा) |
चतुर्थी | मह्यम्
(मेरे लिए) |
आवाभ्याम्
(हम दोनों के लिए) |
अस्मभ्यम्
(हम सब के लिए) |
पञ्चमी | मत्
(मुझ से) |
आवाभ्याम्
(हम दोनों से) |
अस्मत्
(हम सब से) |
षष्ठी | मम
(मेरा/मेरी) |
आवयो:
(हम दोनों का) |
अस्माकम्
(हम सब का) |
सप्तमी | मयि
(मुझमें) |
आवयो:
(हम दोनों में) |
अस्मासु
(हम सब में) |
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इस प्रकार से इन शब्द रूपों को याद करें तथा हिन्दी से संस्कृत अनुवाद में प्रयोग करें जिससे आपके परीक्षा में अधिक से अधिक अंक आ सके | किसी भी प्रकार का सुझाव हो तो कमेन्ट बोक्स में जरूर लिखे | अपना भला करते हुए दूसरों का भी भला करे |
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